ये दौर अभी कुछ ऐसा है, अब खुद पे भरोसे जैसा है,
ये मौक़ा मिला है हम सब को, अपना कुछ हुनर दिखाना है,
विदेशी समान तिरस्कृत कर, उनको अब पीठ दिखाना है,
अपने आन्तरिक जज़्बातों को, कुछ ऐसी राह दिखाएँगे,
स्वदेशी हम अपनाएँगे, देश भक्त कहलाएँगे।
अपनी शक्ति को पहचानो, अपने विवेक से काम करो,
स्वदेशी समान पे आश्रित हो, अपनो को रोज़गार मिले,
हमारा हुनर हमारा है, क्यूँ उसपे विदेशी मुहर लगे,
स्वदेशी मुहर लगाकर के, हम कारीगरी दिखलाएँगे,
स्वदेशी हम अपनाएँगे, देश भक्त कहलाएँगे!
ये मौक़ा मिला है जो हमको, देशभक्ति दिखलाने का,
अपने सभी संसाधनों को, देश के हित में लगाने का,
जो, जिस तरह से सक्षम हो, अनुरूप उसी के प्रयत्न करे,
अपने “गिलहरी” प्रयासों से, इस देश को अमनो-चमन करे,
कुछ ऐसा ही करके हम सब, नया भारतवर्ष बनाएँगे।
स्वदेशी हम अपनाएँगे, देश भक्त कहलाएँगे
~ भरत कुमार दीक्षित