विवाह एक पवित्र बंधन होता है जिसमें न जाने कितने रिश्ते पनपते और खिलते हैं। विवाह के सालगिरह पर दम्पति को शुभकामनाएं और संदेश भेजें जाते हैं, कलमकार विजय कनौजिया ने अपना आशीष इस कविता में लिखकर प्रस्तुत किया है।
यूँ ही तुम मुस्काते रहना,
मिलकर हाथ बटाते रहना।
दोनों साथ हमेशा रहकर,
हर पल साथ निभाते रहना।।हर स्थितियों में अपनापन,
कोई न हो तुम में अनबन।
वैवाहिक जीवन सुखमय हो,
यूँ ही मान बढ़ाते रहना।।प्रेम भाव सम्मान सदा हो,
होठों पर मुस्कान सदा हो।
प्यार भी सम्मानित हो जाए,
दोनों प्यार बढ़ाते रहना।।प्रथम विवाह की वर्षगांठ ये,
जीवन भर खुशियाँ तुमको दे।
अपनों के संग साथ हमेशा,
मिलकर खुशी मनाते रहना।।तुम दोनों मेरे अपने हो,
मेरी आँखों के सपने हो।
नहीं भूलना है जीवनभर,
ये अहसास दिलाते रहना।।यूँ ही तुम मुस्काते रहना,
मिलकर हाथ बटाते रहना।
दोनों साथ हमेशा रहकर,
हर पल साथ निभाते रहना।।~ विजय कनौजिया
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