जख़्मों को सहलाते रहना
अपनापन दिखलाते रहना
आज जरूरत है तुम सबकी
मिलकर साथ निभाते रहना..।।
आज वक़्त नाजुक है लेकिन
धैर्य और साहस मत छोड़ो
हर भूखे को मिले निवाला
मानवता दिखलाते रहना..।।
आज परीक्षा है तुम सबकी
होना है उत्तीर्ण तुम्हें
मानवता की बने मिसालें
तुम बस धर्म निभाते रहना..।।
आज देश ये जूझ रहा है
बीमारी की आंधी से
आज एक हो जाओ सारे
मिलकर देश बचाते रहना..।।
मिलकर देश बचाते रहना..।।
~ विजय कनौजिया