छलकना” और “छलछलाना” शब्द से
सभी परिचित होंगे
है ना! “जल” शब्द से जुड़ा हुआ शब्द लगता है
विचार करने में लग गए होंगे ना!
जैसे “छलकता हुआ जल” व “छलछलाता हुआ पानी” इत्यादि इत्यादि
बचपन से तो यही देखा था कि
पनिहारिनें कुएं से कलश उठाए गुजरती थी तो कोई
पड़ोसी के नलकूप से भरी बाल्टी लिए
लेकिन आज मै पुछता हूं
क्या “सौंदर्य” को छलछलाता व छलकता हुआ देखा है आपने?
फिर विचार में पड़ गए आप ना!
हम चमकने की बात ही नहीं कर रहे
मै बताता हूं
मैंने देखा है आज
अपनी चक्षुओं से
आज जब सभी मानव अपने अपने आशियानों में क़ैद है
तब, पूरी प्रकृति छलकता व छलछलाता हुआ
दिखाई पड़ रहा है
मेरे ख्याल से छलकता व छलछलाता हुआ सौंदर्य
ही सर्वश्रेष्ठ होता है
इसीलिए, इसे भविष्य में बचा के रखिए
वादा करिए, करेंगे ना!
~ इमरान सम्भलशाही