चिलबिल के पेड़ से तो सभी वाक़िफ होंगे। मेरे घर के सामने एक चिलबिल का पेड़ है। अभी कुछ दिन पहले मार्च महीने में पूरा पेड़ हरा भरा था। हरे रंग में सारे फल खूब सुशोभित हो रहे थे लेकिन कुछ दिनों से अप्रैल माह में सारे फल सुख कर पीले पड़ने लग गए है। बस कुछ दिन में ही यही फल हवा के हलके झोंके से टूटकर गिरने लगेंगे और चारों तरफ हजारों की संख्या में फैल जाएंगे। खाने वाले ज़मीन से उठा उठाकर छीलकर खाते है और स्वाद मूंगफली जैसी लगती है।
है बड़ी सी चिलबिल का
घर सामने इक पेड़
हरे भरे मौसम को छोड़
हो गया अधेड़चैत मास में उसके
पत्ते सारे झड़ जाते है
तिनके तिनके हरे रंग से
कहीं कहीं चढ़ जाते हैजड़ से लेकर पुनुई तक
जैसे दिखती रेड़
है बड़ी सी चिलबिल का
घर सामने इक पेड़महीने मार्च में
पतले छोटे फल फल जाते
हरे रंग के मंद पवन में
लहराते सब मन भातेदूर से देखो जैसे लगता
टहल रहा जरेड़
है बड़ी सी चिलबिल का
घर सामने इक पेड़अप्रैल माह में फल सारे
पककर हो जाते तैयार
कुछ ही दिन में हौले हौले
से त्यागेंगे बयारउसका फल तोड़े खातिर
पवन चले हर मेंड़
है बड़ी सी चिलबिल का
घर सामने इक पेड़चिलबिल जब झड़ झड़
गिरते है फर्शों पर
एक बवंडर में ही
उड़ जाते है अर्शों परछील छील खाते है सारे
जैसे तिनका बीने छेंड
है बड़ी सी चिलबिल का
घर सामने इक पेड़~इमरान संभलशाही