बाल मजदूरी

बाल मजदूरी

बाल मजदूरी एक अभिशाप ही है, जिनके हाथों में खिलौने व पुस्तकें होनी चाहिए उन मासूमों से कुछ निर्मम लोग मजदूरी कराते हैं। कुमार किशन कीर्ति की पंक्तियाँ पढें जो इसी मुद्दे को संबोधित करती हैं।

इन बाल मजदूरों को देखकर
कभी-कभी यह सोचता हूँ
कब यह बाल मजदूरी खत्म होगी?
कब इन मजदूरों का भविष्य सवरेगा?
पढ़ने की उम्र में जब यह
बाल मजदूरी करते हैं, सच में कहूँ
ये समाज पर एक प्रश्न खड़ा करते हैं

 

आज बाल मजदूरी एक
अभिशाप बन चुका है
इस समाज के लिए
चुनौती बन चुका है
यह बाल मजदूरी इस देश
से ही देश का भविष्य छीन रहा है
हाथ मे कलम और किताब
की जगह नोट थमा रहा है
इसलिए, देश की भविष्य को
सवारना होगा, और बाल
मजदूरी को समाप्त करना होगा
तब मुस्कान होगी हर बाल मजदूर
के चेहरें पर, जब बाल मजदूरी की
अभिशाप से वे मुक्त होंगे

 

~ कुमार किशन कीर्ति

हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है। https://www.facebook.com/hindibolindia/posts/357856918454820

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.