प्रभु नरसिंह का अवतार धरो ना

प्रभु! नरसिंह का अवतार धरो ना।

प्रभु कोरोना की हार करो ना,
ये कष्ट सभी के आप हरो ना,
हो गए बन्द मंदिर, मस्जिद सब,
कैलास पति  का रूप धरो ना।

सदमार्ग को चयनित करो ना,
हृदय में मेरे करुणा भरो ना,
बन्द हो गए गुरूद्वारे सब,
अन्नपूर्णा का रूप धरो ना।

कोरोना का संघार करो ना,
मेरी विनती स्वीकार करो ना
बन्द हो गए सब गिरिजाघर
अब ईशा का रूप धरो ना।

जनजीवन की रक्षा करो ना,
दुनिया को संकटमुक्त करो ना,
कोरोना के हिरण्यकश्यप ने घेरा है

प्रभु! नरसिंह का अवतार धरो ना।

~ प्रिया राठौर 
एन एस एस वॉलंटियर, पीजी कॉलेज,अम्बाह, मुरैना

यह कविता डॉ. शशि वल्लभ शर्मा ने ‘हिन्दी बोल इंडिया’ से साझा की है।

This Post Has One Comment

  1. डॉ शशिवल्लभ शर्मा

    बहुत बहुत धन्यवाद छात्रा प्रिया की रचना प्रकाशित करने के लिए।

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