कोरोना वायरस पर कलमकार खेमचन्द की यह कविता पढ़ें
मची है जगत में कैसी हाहाकार
सारी सुख सुविधाओं को कर दिया लाचार
नाम है इसका वायरस कोरोना
हाथों को तुम बार-बार धोना
बड़ा खतरनाक जानलेवा है इसका विषाणु
बचाव ही उपचार है बात सबको समझाणु
कहाँ से आया होगा ये कोरोना वायरस का विषाणु
विश्व पटल को कर दिया है झकझोर
चारों तरफ है बातें कोरोना वायरस और इसका उपचार
दिन रात खबरें समाचार पत्रों पर और गली गली जगा रहे हैं भोर
खांसी, गला दर्द और नाक का बैहना
कोरोना वायरस पर और क्या कहना
बन गयी है आपदा ये महामारी
सजग हो उठी है विश्व की आवाम सारी
प्राकृतिक है या है मानवीय अकांक्षाओं का जोड़
मिल ही जायेगा कोरोना तेरा हमें तोड़
भीड़-भाड़ से रहना है ह्म सबको दूर
भीड़ में जल्दी फैल जाता है इतना कोरोना मशहूर
सही वक्त पर करो कोरोना का इलाज
घबराएं नहीं साथ साथ है पुरा समाज
है तो नहीं ये बिमारी कोई लाईलाज
खुश रहें सजग रहें ह्म सभी आज
दिखा रहा है कोरोना वायरस अपना दम
सुन ले कोरोना हम भी नहीं है किसी जीवाणु से कम
कोरोना वायरस से जीत हमारी होगी
कोरोना से लड़ने की पुरी तैयारी होगी
ज्यादा न करना सोशल मिडिया पर उठ रही बातों पर गौर
हर एक बात का है अपना दौर
साफ़-सफाई का रखना सभी ध्यान
साहित्य हो चाहे हो आधुनिक विज्ञान
न होना कोरोना वायरस से परेशान
हर समस्या से निज़ात दिलाती है एक दूकान
फिर चाहे चक्रवात हो या कोई तूफान
बुरा वक्त आता है हमें अजमाने कभी गली तो कभी हमारे ठिकाने
तुम हिम्मत रखना खुदा आता है सबको बचाने~ खेम चन्द
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