संघर्षरत सम्पूर्ण जग, तनिक ठहर जाइए
योद्धाओं की पुकार है ना घबराइए
अदृश्य है शत्रु यह संभल जाइए
अपने लिए ही सही मन की चेतना जगाइए
भविष्य के लिए पहले वर्तमान चाहिए
अदृश्य है शत्रु यह संभल जाइए
देव से दुआ करो यह राष्ट्र अब बचाइए
आने वाला कल सुखद हो रास्ता दिखाइए
अदृश्य है शत्रु यह संभल जाइए
मुश्किलों का दौर है ना घबराइए
कर्मवीर योद्धाओं का संबल बन जाइए
अदृश्य है शत्रु यह संभल जाइए
डटे हुई जो कर्म पर उन्हें गर्व से बताइए
देश उनके संग है यह भान कराइए
अदृश्य है शत्रु यह संभल जाइए
~ डॉली सिंह