कोरोना की बात

कोरोना की बात

आओ बच्चों आज लिखें
कोरोना की बात लिखें।
कोरोना महामारी को हम,
मानवता पर घात लिखें।।

कोरोना ही कोरोना बस,
सारे जग का रोना है।
मास्क लगाना, दूरी रखना,
और हाथों को धोना है।।

चाइना से पैदा होकर,
सारे जग में फैल गया।
कोरोना की आफत से अब,
अमरीका भी दहल गया।।

संक्रमण का रोग भयानक,
अमन सही जज्बात लिखें।
आओ बच्चों आज लिखें
कोरोना की बात लिखें।।

दुनिया भर में कई मास तक,
कोरोना का कहर रहा।
हाँ घबराकर अपने घर में,
नजरबंद हर शहर रहा।।

शून्य रास्ते गगन उदास,
ऐसा पहली बार हुआ।
सबके मन डर कोरोना का,
लगा कि सब बेकार हुआ।।

सूनेपन का ऐसा आलम,
दिन को दिन या रात लिखें।
आओ बच्चों आज लिखें
कोरोना की बात लिखें।।

मानव के जब पाँव थमे तो,
पहियों को आराम मिला।
अपने अपने घर में सबको,
अपना अपना राम मिला।।

कहते थे सब छू लेंगें हम,
बारूद की बस्ती वाले।
घौंस जमाए थे दुनिया पर,
क्षण भर की हस्ती वाले।।

कुदरत के उपजाये पर भी,
मानव का उत्पात लिखें।
आओ बच्चों आज लिखें
कोरोना की बात लिखें।।

~ मुकेश बोहरा ‘अमन’

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