कोरोना का क़हर

कोरोना का क़हर

कोरोना का क़हर- कलमकार अनुभव मिश्रा की इस रचना में उनका संदेश पढें और स्वयं को सुरक्षित रखें।

हर तरफ़ कोरोना का ही क़हर छाया है।
अब तो मानो हवा में भी ज़हर समाया है।।

सम्पर्क में आने पर सावधानी बरतिये जनाब।
अपनी सुरक्षा स्वयं करने का अब समय आया है।।

इस वैज्ञानिक विषाणु ने जाने कैसा खौफ फैलाया है।
हर जन के दिल को मानो अंदर तक से दहलाया है।।

पढ़ाई भी प्रभावित है इससे जनजीवन भी घबराया है।
बचने को इससे हमने अपनों से ही फांसला बनाया है।।

चारो तरफ प्रकोप इसका ऐसे बढ़ता जा रहा है।
वायरस के भेष में मानो प्रलय कोई आ रहा है।।

~ अनुभव मिश्रा

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