कोरोना के योद्धा

कलमकार मनोज मनुजी कोरोना के चन्द शब्द कोरोना के योद्धाओं पर …

मुरझाई सी लगती है हर कली क्यों आज हमको,
खामोशियाँ ये शहर की कह रही कुछ आज हमको।
ठहरा ठहरा सा ये मंजर, ये फिजा की बदमाशियाँ,
सन्नाटा बुनती सी लगती है हर गली क्यों आज हमको।

ये माना कि अंधेरा घना है यह भी छँट जाएगा।
वक्त है इम्तिहान का मगर यह भी कट जाएगा।
कुछ हम सह लेगें, कुछ तुम पी लेना,
दर्द का दरिया सा यारो, है मगर बँट जाएगा।

यही वक्त की पुकार है आओ साथ चलेंगे हम।
कोरोना की इस गर्दिश में बनकर दीप जलेंगे हम।
डॉक्टर, पुलिस, सफाई कर्मी मानवता के रखवाले
जनता कर्फ्यू में टल जाए लेकिन नहीं टलेंगे हम।

~ मनोज कुमार सामरिया “मनु”


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