कोरोना! तूने ये क्या किया,
पूरी दुनिया को अपनी उंँगलियों पर नचा दिया,
अंहकारी व्यक्तियों को धूल चटा दिया,
कोरोना तूने ये क्या किया।
कोरोना! तूने ये क्या किया,
दुनिया की शक्तिशाली देशों को उसकी औकात बता दिया,
ज्ञान-विज्ञान की बात करने वालों का मुंँह चुप करा दिया,
कोरोना तूने ये क्या किया।
कोरोना! तूने ये क्या किया,
मानव को छोड़ प्रकृति को अपना लिया,
आकाश-पाताल एक करने वालों को प्रकृति के ही समक्ष झुकवा दिया,
कोरोना! तूने ये क्या किया||
कोरोना! तूने ये क्या किया,
दुनिया की देवी देवताओं को गायब ही करवा दिया,
धर्म के पाठ पढ़ाने वालों के घरों में ताला लगवा दिया,
कोरोना तूने ये क्या किया।
कोरोना! तूने ये क्या किया,
विश्व विजेता मानव को ही गुलाम बना लिया,
छोटा कीटाणु होकर परमाणु को भी हरा दिया,
कोरोना तूने ये क्या किया।
कोरोना! तूने ये क्या किया,
अपनों से कटकर रहने वालों को अपनों से मिलवा दिया,
मानवता से ऊपर उठकर विश्व मानवता का पाठ पढ़ा दिया,
कोरोना! तूने ये क्या किया।
– ज्योति प्रसाद