संकट कोरोना काल का

संकट कोरोना काल का

जूझ रहा संकट से जग, कैसी महामारी आई है।
जीवन कष्टों में झूल रहा, कैसी लाचारी छाई है।।

त्राहिमाम मचा हुआ है, धरती के हर कोने में।
देखो दुनिया सहम रही है, सांसे भी अब लेने में।।

मिलकर सबको संग, एक संकल्प लेना होगा।
बीमारी के जाने तक, संयम से रहना होगा।।

कर्मवीर योद्धाओं का रण में, साथ हमें देना होगा।
अपनों के खातिर अपनो से, दूर हमें होना होगा।।

रहेगी दुनिया,कटेगा संकट, फिर सब कुछ पा लेंगे।
सब थमने दो, सब रुकने दो, तब तक गम खा लेंगे।।

एक बार जो गया कोरोना, दमखम से जुट जाएंगे।
भारत को पहले जैसा, मिलकर सभी बनाएंगे।।

फिर उजियारा आएगा बादल को छटने तो दो।
फिर से सूरज निकलेगा अंधियारा हटने तो दो।।

~ डॉली सिंह

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