अंधकार से प्रकाश की ओर

अंधकार से प्रकाश की ओर

दीप जलाकर हमने दे दिया एकता का संदेश,
सबको दिखलाया सदियों से महान भारत देश।
अचानक इस विपत्ति का हम करेंगे मुकाबला,
एक रहेंगे सदा, हम अकबर डेविड या सुरेश।।

पूरी दुनिया को हमने एकता का पाठ पढ़ाया,
वसुधैव कुटुंबकम का सदैव ही बात बताया।
जब भी हिम्मत हार चुके हैं पूरी दुनिया वाले,
हौसला रख के विजय पाना हमने दिखलाया।।

अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ते हमारे कदम,
जज़्बा, जोश और जुनून कायम हममें हरदम।
निराशाजनक दहशत भरे आज इस माहौल में,
निश्चित होगा पवित्र भू पर ख़ुशियों का सरगम।।

दीप जला हम ने मानवता का परचम लहराया,
विश्व में हम ने मिलकर भारत का मान बढ़ाया।
हम हार नहीं मानेंगे अपने आखिरी साँसों तक,
एका होने का मतलब हमने परिचित करवाया।।

हम मिल कर लड़ेंगे, निश्चय होगी जीत हमारी,
बड़ी बड़ी चुनौतियां सदैव ही हमने स्वीकारी।
एकता में होती है कितनी हिम्मत और ताकत,
आज तलक कोई भी लड़ाई भारत ने न हारी।।

~ लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

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