प्यारे सैंटा

निक्की शर्मा रश्मि की भी एक कविता क्रिसमस के अवसर पर पढ़ें। सैंटा से विशेष अनुरोध करती हुईं पंक्तियाँ…

प्यारे सैंटा, प्यारे सैंटा! इस बार कुछ नया कर दो
चांद सूरज से आते हो, सबके दिल को भाते हो

नीलगगन से भी ऊंची उड़ान, कहां से तुम पाते हो
इस बार जो तुम आओ झोली में प्रेम, करुणा भर कर लाओ

खुशियों से सब के आंगन में, प्रेम का दीपक तुम चलाओ
क्लेश, ईष्र्या, द्वेष, बेईमानी, अहंकार से तुम मुक्ति दिला दो

हो रहे नारे भाषण सुबह शाम, कर्तव्य बोध याद करा दो
सैंटा इस बार उन्हें यह अब तो ज्ञान करा दो

अभिलाषा सबकी बदल गई, मानव की परिभाषा भी बदल गई है
हादसों से मन टूट चुका है, उत्पीड़न से मन भर चुका है

अंधकार जो छाया है जीवन में, शिकन चेहरे पर भी आई है
इस बार क्रिसमस में सैंटा, यह तड़प तुम मिटा दो

जादुई अपनी पोटली से तुम, खुशियां सब को लुटा दो
प्यारे सैंटा इस बार तुम तड़प, लाचारी, बेबसी सबकी मिटा दो

खुशियों से झोली भर दो, बच्चों के संग बड़ों को भी
तोहफा प्रेम का तुम दे दो अपने पोटली से ज्ञान का सागर भर दो

प्यारे सैंटा, प्यारे सैंटा! इस बार कुछ नया कर दो
झोली में सबके इस बार प्रेम, दया, करूणा भर दो।

~ निक्की शर्मा रश्मि

हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है।https://www.facebook.com/hindibolindia/posts/439812636925914
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