DECEMBER-2020: 1) हे नारी ~ आशुतोष गौतम • 2) नि:शेष तेरा साम्राज्य ~ डॉ. सरिता नेगी • 3) दिखा दे शक्ति का अवतार है तू ~ प्रियंका पान्डेय त्रिपाठी
१) हे नारी
हे नारी!
तुम अनादि सुख की नारी हो
तुम ही भवानी तुम ही शारदा
तुम ही लक्ष्मी, तुम ही देवी हो
हे नारी!
तुम से ही जगत संसार
तुम से ही घर-द्वार
तुम से घर-आंगन रौशन
हे नारी!
तुम्हारा होना दुनिया का पुण्य
तुम से ही हमारा पुरुषार्थ
तुम से ही मान, तुम से ही सम्मान
तुम से हमारा आत्मसम्मान
हे नारी!
तुम जननी, तुम पालनहार
तुम अरुणिमा, तुम नीरजा।
तुम्ही भार्या, तुम्ही अर्धांगिनी, हे नारी!
२) नि:शेष तेरा साम्राज्य
अभिलाषा तेरी विश्व विजेता।
विश्व सम्राट मैं बन जाऊं।
बना गरल कालकूट विष का प्याला।
विश्व जगत को थर्राया।
अधम तूने नीच कर्म किया।
अवाम जन को संताप दिया।
विश्व पटलको झकझोर किया।
दागदार तू बेदाग बतलाता।
हत्यारा तू निहत्था बतलाता।
कसूरवार तू बेकसूर बतलाता।
गुनाहगार तू बेगुनाह बतलाता।
स्वयं को निरपराध बतलाता।
अब कुकृत्यों का लेखा जोखा।
एक एक लासों का ब्यौरा।
एक एक अश्रु का दाम।
तुझको अब देना होगा।
अपने असत कर्मों का।
पर्दाफाश तुझे करना होगा।
बज्र देह शनिदेव कोपभाजन।
अधिकारी तुजको बनना होगा।
क्रूर दृष्टि से साक्षात्कार।
प्रचण्ड देदीप्यमान तेरी नगरी।
भस्म कर लोहवर्णी।
सखा मारुति संग।
लंका रावण सम।
स्वाहा तेरी दिव्य नगरी।
मातृ शेष
नि: शेष तेरा साम्राज्य।
नि: शेष तेरा साम्राज्य।।
३) दिखा दे शक्ति का अवतार है तू
हे नारी उठ
उठा ले भाल, कृपाण, त्रिशूल
बन जा रणचङी, दुर्गा, भवानी
अब तेरी है बारी
तुझे स्वयं लेना है प्रतिकार
नही है तू अबला
बन जा सबला
दिखा दे शक्ति का अवतार है तू!
चारो दिशाओ मे दुर्योधन दुशासन घूम रहे
मूक बना देख रहा संसार
तेरी अस्मिता जार जार हो रही
अब न आएगे सुदर्शनधारी
तुझे स्वयं लेना है प्रतिकार
नही है तू निर्बल
बन जा प्रबल
दिखा दे शक्ति का अवतार है तू!
मानव बन गया है दानव
नरभक्षी भेड़िया घूम रहे गली गली
जिस्म को नोच रहे, निवस्त्र उठा कर फेंक रहे
कब तक सीता द्रौपदी रूप मे घाव सहेगी
अब नही मिलेगा न्याय
तुझे स्वयं लेना है प्रतिकार
नही है तू याचक
बन जा रक्षक
दिखा दे शक्ति का अवतार है तू!