कोरोना की आफत आई।
सब को फिर से घर ले आई।
चले गए थे बहुत दूर तक,
अपने घर से हम सब भाई।
भूल गए थे रिश्ते नाते,
अपनापन और बोल भलाई।
फिर लौटेगी रिश्तो में अब,
पहले वाली वही सच्चाई।
घर पर रहकर कोरोना से,
हम जीतेंगे एक लड़ाई।
वक्त कहेगा यही कहानी,
अमन रहे थे मिलकर भाई।
कोरोला की काट करेंगे,
अपने डॉक्टर और सिपाही।
कोरोना की महामारी से,
बचना है बस सुनलो भाई।
~ मुकेश बोहरा ‘अमन’