एक दीप कर्मवीरों के नाम
चलो एक दीप जलाएं
शहीद वीर सपूतों के नाम
ऐसा एक सिद्धांत बनाएं
सबके जीवन में खुशियां फैलाएं
चलो एक दीप जलाएं
देश के पालनहार मेहनतकश
किसानों के नाम
ऐसा एक अभियान चलाएं
सब मिलकर साथ निभाएं ।
चलो एक दीप जलाएं
देश के भगवान
कोरोना चिकित्सकों के नाम
ऐसा हम त्यौहार मनाएं
सब को नई राह दिखाएं।
चलो एक दीप जलाएं
कोई ना रहे बेसहारा, खाली पेट
हर चेहरे पर मुस्कान हो
ऐसा हम त्यौहार मनाएं
अंतर्मन में दीप जलाएं l
चलो एक दीप जलाएं
ईर्ष्या द्वेष भूलकर
संबंधों को मधुर बनाएं
चलो हम सब मिलकर
एक नई सोच का प्रकाश चलाएं।
रोशनी उम्मीदों की
शब-ए-रोशन हुई माहौल खुशनुमा इन दिनों नज़र है आ रहा
उजालों की इबारत पर पैगाम खुशियों का नज़र है आ रहा
मगर कुछ फीका फीका सा है अंदाज़ इस बार त्योहार का
आफ़ात की वजह से हर कूचा बाज़ार का परेशाँ नज़र है आ रहा
ये जो चिराग़ हैं कि आज़ जलवा हर सूँ कुछ और ही दिखा रहे
तकल्लुफ ना हो तो देखना ज़रा क्या वो झोंपड़ा भी रोशन है नज़र आ रहा
बनवास काटकर चौदह साल का अयोध्या लौट आए थे श्री रामचंद्र
मगर बनवास इस गरीब का तो ता उम्र बरकरार है नज़र आ रहा
ये बुढ़ी, बेबस,पत्थराई हुई आंँखें मुरझाई हुई ख्वाहिशें लिए बैठी हैं
मंज़र-ए-दार इस के दिल में छुपा क्या तुम्हें है नज़र आ रहा
थोड़ा सा वक्त निकाल कर ग़ौर ज़रा फ़रमाना मौजूदा हालात पर
कच्ची मिट्टी को उम्मीदों की शक्ल देता हुआ कुम्हार नज़र है आ रहा
बैठा होगा उसी राह पर किसी बड़ी सी दुकान के सामने सामान सजाए हुए
क्या उसकी चुप्पी में तुम्हें भूखे बच्चों का दर्द है नज़र आ रहा
खरीद लेना चंद दिए उस उस मेहनतकश गरीब के यहांँ से भी
जो बच्चों की मुस्कुराहट का हिसाब चंद सिक्कों में लगाता नज़र आ रहा