हम सभी को निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए, कभी भी हताशा का शिकार नहीं बनना चाहिए। कलमकार पूजा कुमारी साव की यह कविता आपका मनोबल को बढाने में सहायक है।
मिलेगी मंजिल, जरूर हमें
आज नहीं तो कल, यह तय है
कब असफलता से डरें हैं, कोई महान
अपने भीतर के साहस को, तू पहचान ।मिलेगी रोशनी, फूलेंगे-फलेंगे हम
आज सफल नहीं हैं तो क्या?, रूकेंगे नहीं क़दम
सफल बनेंगे हम, प्रयास करेंगे हम
ताक़त, शक्ति, असीम संभावनाएं हममें है
बस स्वयं के ताक़त को पहचानना है ।हताश न हो, ऐ मेरे दोस्त
पास नहीं, आज कुछ तो क्या?
आश अभी भी बाकी है,
मेहनत कभी बेकार जाती है क्या, नहीं ना ।मेहनत करने वालों की कब हार हुई है?
प्रयास कब किसी की बेकार हुई है?
कर्मरत रह, ऐ कर्मवीर
तू चल, न थक, न हार
लड़, लड़ता चल
हताशा की बात, न कहना
सदा, कर्मरत ही रहना ।जब-जब, प्रकाश आया है
अंधकार को मिटाया है
सफल बनेगा, तू भी
सोचता चल, तू यही
असफलता को तो, सफलता ही भगाएगा
तेरा संसार, रोशन कर जाएगा ।किरण सूरज की जब पड़ती है, अंधकार मिट जाता है
जिंदगी में, रोशनी आनी बाकी है तो क्या?
सफल बनेगा, ज्यों ही तू
सब ओर ही उजाला होगी
तेरा यह, छोटा सा जग जगमग हो जाएगा ।हताश न हो, ऐ मेरे मन
कर्म करना ही है, बड़ा रण
तू कर्म कर, आगे बढ़
सफलता आएगी, हताशा को मिटाएगी ।~ पूजा कुमारी साव