संकल्प, इच्छाशक्ति की राशि विशाल दुनिया ने
एकता के हिंद की, देखा मिसाल दुनिया ने
विश्वास की परिधि ने हर मन को था घेरा हुआ
लग रहा था रात में कि, जैसे सवेरा हुआ
था हर तरफ प्रकाशमान दीप इतने जल उठे
बंद सारी बत्तियां थीं पर न अंधेरा हुआ
नौ मिनट में सदियों सा देखा कमाल दुनिया ने
एकता के हिंद की, देखा मिसाल दुनिया ने
नींद कोरोना की उडी़, जागना होगा उसे
हिंद की पावन भूमि को त्यागना होगा उसे
सामने इस एकता के टिक नहीं सकेगा वो
शीघ्र ही भारत भूमि से भागना होगा उसे
महसूस किया दीप की लौ का उबाल दुनिया ने
एकता के हिंद की, देखा मिसाल दुनिया ने
~ विक्रम कुमार