गलवान घाटी में सैनिकों की झड़प

गलवान घाटी में सैनिकों की झड़प

गलवान घाटी, जहां १५ जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी और कई भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। गलवान घाटी में भारतीय सेना के इंजिनियर्स ने गलवान नदी पर पुल बना डाला है, जिसे चीन रोकना चाहता था। भारत और चीन के सैनिकों के बीच भिड़ंत के बाद से बॉर्डर पर तनाव बरकरार है। हिन्दी कलमकार अपनी कविताओं में चीन के इस कायराना कृत्य की निंदा करतें हैं और सभी भारतीयों को यथोचित जवाब देने का संदेश देते हैं।

वीर जवान ~ शिवम झा (भारद्वाज)

शहीद हो गए मेरे वीर जवान
कायरों ने कायरता से लिए प्राण
ऋणी रहेगी धरती सदैव
जहां पड़े उनके लहू के निशान

हिम्मत थी तो
आंखों से आंख मिलाते
पीठ पर क्यों वार किया
खुद को महाशक्ति कहते हो
चीन तूने कायरता भरा प्रहार किया

भूल हुई भारत से
जो तुझ से व्यापार किया
आज आंख दिखाता है तू
भूल गया भारत ने तेरा उद्धार किया

अब ना तुझको छोड़ेंगे
तुझसे हर नाता तोड़ देंगे
तिरस्कार करके तेरी वस्तु का
तेरी गर्दन को मरोड़ देंगे

औकात क्या है तेरी
तू हमसे क्या बात करेगा
65% का व्यापार रुकेगा
तू भूखा तड़पकर मरेगा

कसम है हर हिंदुस्तानी को
लेना है बदलाव वीर जवानों का
त्याग दो चाइनीस चीजों और खाना को
और मजे लो स्वदेशी पकवानों का

गर्व है हर हिंदुस्तानी को
हर अमर जवान वीरों पर
मातृभूमि की रक्षा करते करते
सीना रखा अपना तलवारों पर

शिवम झा (भारद्वाज)
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1086A

भारतीय वीरों ~ अशोक शर्मा वशिष्ठ

हे भारत के राष्ट्र वीरों हमें तुम पर नाज़ है
आज तुम्हारे हाथों मे सुरक्षित मा भारती की लाज है
डटे रहो आगे बढो कठिन बहुत काज है
दुश्मन को धूल चटाओ सारा भारत साथ है

जब जब देश पर संकट आया
देश को बचाने हेतु आगे आया
मौत से है जा टकराया
खुशी खुशी मौत को गले लगाया
शत्रु सेना को मज़ा चखाया

सारे देश से उठी आवाज़
भारतीय सेना जिंदाबाद
संपूर्ण जनता सेना के साथ
समर्थन मे उठे कऱोडों हाथ
खट्टे कर दो हमलावर के दांत

भारतीय वीरों पर हम सबको मान
तुम देश की आन बान और शान
देश के लिए देते जान
आप को कोटि कोटि नमन और प्रणाम

अशोक शर्मा वशिष्ठ
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1086B

जय हिंद जय भारत ~ शंकर फ़र्रुखाबादी

चाल कामयाब नहीं हुई तो
आ गए हो औकात पे
मनसूबे कामयाब ना होंगे
लोग थूकेंगे चीनी जात पे
भारत माँ के सैनिक हैं ये
कोई चाल नहीं चलने देंगे
लाख कोशिश कर ले तू
तेरी दाल नहीं गलने देंगे
एक के बदले दस मारेंगे
ये सिद्धांत हमारा है
जय हिंद और जय भारत
हर भारतवासी का नारा है

शंकर फ़र्रुखाबादी
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1086C

होगे कामयाब ~ सविता मिश्रा

सरहद पर आकर चीन ने
आज हिन्द को ललकारा है
भारत के वीर सपूतों को
मौत के घाट उतारा है

कितना ही दुर्गम राह हो
अब कदम नहीं रूकेगे
फौलादी है इरादे जिस्म मजबूत है
हम भारत माँ के सपूत हैं

हम शान्ति प्रिय हैअमन पसंद है
लडने से नही घबराते इतिहास गवाह हैं
जब जब दुश्मन हमपे गुर्राया है
ले तलवार हाथ,कहर हमने बरपाया है

मुश्किल है काम ये आसान नहीं
हमारे इरादो से दुश्मन अन्जान नहीं
दुश्मन की हद्द में घुस तिरंगा फहरायेगे
जवानों की शहादत बेकार नहीं जाने देंगे
है हमको विश्वास हम होगे कामयब

सविता मिश्रा
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1086F

लद्दाख के शहीदों को नमन ~ पार्थ अवस्थी

हुए शहीद जो वीर जवां
है उनको नमन हमारा
लहू बहाकर जिन्होंने है
फूल अमन का खिलाया
थे मतवाले वो देश के खातिर
सीने पे गोली खाई
देश के खातिर जिन्होंने है अपनी जान गंवाई
हैं देश के खातिर अमरदीप
मिट गए देश पर वो शहीद
नमन है फिर से तुम्हें हमारा
होगा सदा सम्मान तुम्हारा

पार्थ अवस्थी
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1086D

हे भारत के वीर सपूतों ~ शिम्‍पी गुप्ता

हे भारत के वीर सपूतों!
अब युद्ध का बिगुल बजाओ।

शंख से रणभेरी नाद सुनाओ
शंकर का त्रिशूल उठाओ
अर्जुन का गांडीव चलाओ
या फिर गोले,बम बरसाओ
पर अपने पौरुष को जगाओ
दुश्मन को जड़ से हिलाओ
ऐसा भीषण तांडव दिखाओ।

हे भारत के वीर सपूतों!
अब युद्ध का बिगुल बजाओ।

तेरे अदम्‍य पौरुष के आगे
धरा काँपे, गगन हिले
जब तेरा भीषण रव जागे
लहरें उठें, भूधर डोले
जब तू अपनी बंदूकें दागे
दुश्मन की छाती जले
ऐसा प्रलयंकारी दृश्य दिखाओ

हे भारत के वीर सपूतों!
अब युद्ध का बिगुल बजाओ।

अपनी सबल भुजाएँ फड़काओ
दुश्मन को मजा चखाओ
इतिहास को पुनः दोहराओ
इनको हार का पाठ पढ़ाओ
भारत माँ की आन बचाओ
अपने सम्मान को वापस पाओ
अपना यह रौद्र रूप दिखाओ।

हे भारत के वीर सपूतों!
अब युद्ध का बिगुल बजाओ।

शिम्‍पी गुप्ता
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1086G

भारत-चीन तनाव ~ नवाब मंजूर

अब भारत चीन का तनाव,
बनता जा रहा है घाव।
तनाव में हैं पेंगाॅग लेक और गलवान घाटी,
वहां की जनता है डरी और सहमी।
विवाद सुलझाने को सैन्य वार्ता भी हुई,
पर स्थिति ज्यों की त्यों है बनी हुई।
बात बनती नहीं दिख रही है अभी,
कुछ करना होगा तत्क्षण अभी।
चीन का रूख़ भी नहीं है स्पष्ट,
बार बार हो रही सेना विच झड़प।
ताज़ा घटनाक्रम में भारत के तीन सैनिक भी शहीद हुए हैं,
चीन के भी कुछ मारे गए है..
पर स्थिति अभी भी है अस्पष्ट।
ऐसी स्थिति में भारत को कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है,
यह चीन ने की नापाक जुर्रत है।
सर्जिकल स्ट्राइक टाईप कुछ कार्रवाई होनी चाहिए,
चीनीयों की जबरदस्त ठुकाई होनी चाहिए।
रक्षा और विदेश मंत्रालय को खुलकर आना चाहिए,
देश वासियों को विश्वास में लेना चाहिए।
हर नागरिक हर तरीके से है तैयार,
चीनीयों को खदेड़ने को है बेकरार।
चीन को दीजिए जवाब मुंहतोड़,
ताकि पेंगाॅग और गलवान तत्काल दे छोड़।

अक्साई चीन भी लीजिए छीन,
भारतीय जल्द देखना चाहते हैं वो दिन।
मजबूत इच्छाशक्ति के साथ कड़े कदम उठाए सरकार,
मातृभूमि जन्मभूमि की रक्षा को हैं हम बेकरार।
एक एक इंच हम वापस लेंगे,
कब्जाई भूमि फिर से छीन लेंगे।
तब तक न बैठेंगे हम शांत,
चाहे युद्ध में हो जाए हमारा प्राणांत।
शहीद हो तिरंगा चूमेंगे
या फिर विजयी हो मस्ती में झूमेंगे।
बस यही है विकल्प,
आओ साथी आक्रमण का लें संकल्प।
जय हिंद जय भारत।

मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1086E

उठो हिन्द के नरसिंहो ~ अजीत लेखवार

उठो हिन्द के नरसिहों अब युद्ध हुंकार भरो
बहुत हुई शांति वार्ता निर्लज से
छाती फाड़ अब रक्त स्नान करो
उठो हिन्द के नरसिहों अब युद्ध हुंकार भरो
उठो परशुराम के वंशजों
परशा अब रक्त मांग रहा है
शीश अलग हो अब धड से शत्रु का, मात्रभूमि उत्थान करो
चीर हरण हुआ है मां का
अब दुशासन के दो फाड़ करो
उठो हिन्द के नरसिहों अब युद्ध हुंकार भरो
उठो अर्जुन के अनुयाई
बहुत हुआ उपदेश यहां
अब रणभूमि प्रस्थान करो
मैला हुआ है आंचल मा पग से शत्रु के
अब नहला कर रक्त से निज भूमि श्रृंगार करो
उठो हिन्द के नरसिहों अब युद्ध हुंकार भरो
बहुत हुआ बलिदान यहां अब
अब तुम प्रतिघात करो
घुटनों पर हो शत्रु तुम्हारे अब ऐसा आघात करो

उठो शिव के अंशों अब तुम रूप विकराल करो
उठा ना पाए भविष्य में आंख कोई
ऐसा तुम अब संहार करो
उठो हिन्द के नरसिहों अब युद्ध हुंकार भरो
बहुत हुआ जातिवाद, धर्मवाद, वाद विवाद यहां पर
सब अब एक स्वर हुंकार भरो
सत्ता धारी कहो जवानों से अब रणभेरी तैयार करो
उठो हिन्द के नरसिहों अब युद्ध हुंकार भरो
रक्त चाप थम जाएं शत्रु का
ऐसी गर्जन सिंह जवानों एक साथ करो
सांझ ढलेगी बलिदानों की
अब कोई पहल नवल प्रभात करो
उठो हिन्द के नरसिहों अब युद्ध हुंकार भरो
उठो देश के वीर जवानों अब मात्रभूमि उत्थान करो

अजीत लेखवार जौनपुरी
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1086H

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