कोरोना की जात नहीं,
कोरोना की कोई पात नहीं,
जात- पात विहीन कोरोना,
जिसका कोई धरम नहीं,
भाग कोरोना भाग।
कोरोना मानव नहीं,
कोरोना कोई प्राणी नहीं,
बस केवल है वायरस कोरोना,
वायरस का वजूद नहीं,
भाग कोरोना भाग।
कोरोना राग नहीं,
कोरोना कोई अनुराग नहीं,
राग- अनुराग से विरक्त कोरोना,
विरक्त से जगत का नाता नहीं,
भाग कोरोना भाग।
कोरोना बल नहीं,
कोरोना कोई शक्ति नहीं,
बल-शक्ति से रहित कोरोना,
स्वास्थ्य वीर जगने से पहले,
भाग कोरोना भाग।
हाथ धोएंगे साबुन लगा,
मुंह ढँकेगे मास्क लगा,
स्क्रीनिंग करवाएंगे,
सोशल डिस्टेंसिंग अपनाएंगे,
भाग कोरोना भाग।
लोकडाउन को मत ललकार,
फिर बहुत पछताएगा,
भारत है वीरों की धरती,
दीपकों से उजाला कर,
हाथ धोकर पीछे पड़ जाएगें,
नामो निशां मिट जाएगा,
भाग कोरोना भाग,
भाग कोरोना भाग।
~ ओम प्रकाश वैष्णव