जागो जागो माँ रणचंडी
जन जन का कल्याण करो।
उठो उठो मां दक्षिणेश्वरी काली
बच्चों का हाथ पकड़
अब उनको प्यार करो।
कांप रही थर थर दुनिया
तेरे अट्हास से।
अब तो बच्चों का उद्धार करो।
जपत निरंतर नाम तेरो
ओम दक्षिणेश्वरी काली नमः
सब का माँ कल्याण करो।
तीनो लोक कांप रहे।
तेरे क्रोध से।
देव दानव मानव सब
तेरा नाम जप रहें,
माँ प्रेम से
अब तो मां क्रोध का त्याग करो।
बच्चों को गोद में
लेकर अब प्यार करो।
खप्पर ले तेरी योगिनियां
बन कोरोना रक्तपान जो कर रही
उनको मैं आकर
अब तुम शांत करो।
जागो जागो माँ रणचंडी
जन जन का कल्याण करो।
उठो उठो मां दक्षिणेश्वरी काली
बच्चों का हाथ पकड़
अब उनको प्यार करो।
अब तो माँ आप
शांत हो जाओ।
~ राजीव डोगरा ‘विमल’