हर दिन शुभ होता है, हमें आज से बेहतर दूसरा कोई दिन न मिलेगा। दिन की शुरुआत सुबह से होती है और जब सुबह खूबसूरत लगे तो पूरा वातावरण मनभावक लगता है। कलमकार रागिनी स्वर्णकार शर्मा के अनुसार सुबह सोनाली सी लगती है।
प्राची ने सिंदूर बिखेरा,
ऊषा आने वाली है।
तुहिन कणों से भीगी-भीगी,
शीतल सुबह निराली है।
खगकुल कुल-कुल कलरव करते,
निकले सभी घोंसलों से।
नहीं थकेंगे यह प्रण लेकर,
भर परवाज़ हौंसलों से।
लताओं ने लिये हैं मधुघट,
नवरस से भरने देखो।
ख़ुश्बू लिये हवायें आईं,
किरणों के झरने देखो।
कर रहा स्वागत हरसिंगार,
आसन नये बिछाये हैं।
फूल झरे देखो वसुधा पर,
महुआ मन महकाये है।
फैल गयी खुशहाली जग में,
अंधकार पूर्ण विलीन हुआ।
रौशनी ने रची रंगोली,
दिनकर भी तल्लीन हुआ।
ये शीत लहरियाँ खेल रहीं,
कुल्लू और मनाली सी।
अद्भुत लगे नज़ारा देखो,
सुबह लगे सोनाली सी।
~ रागिनी स्वर्णकार शर्मा
हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है।
https://www.facebook.com/hindibolindia/posts/419374925636352
Post Code: #SwaRachit190