मन सहम सा जाता है

मन सहम सा जाता है

मन सहम सा जाता है
देख के सारे देश का हाल,
चाइना, इटली, स्पेन, जर्मनी,
सब पर है इसका प्रहार,
स्वास्थ्य विभाग थे इनके खास,
फिर भी है इनकी स्थिति खराब,

मन सहम सा जाता है,
देख कर अपने देश का स्वास्थ्य विभाग,
अगर फैल गई यह बीमारी,
बदल जाएगा शहर का हाल,
गलियां हो जाएंगी सुनसान,
तिमिर शहर को घेर रहा है,
एक दीप हमें जलानी है
दूर रहकर एक-दूसरे से,
अपने शहर को हमें बचानी है।

~ रंजीत गुप्ता

This Post Has One Comment

  1. Ranjeet Gupta

    मेरी कविता पर विचार करने और इसे प्रकाशित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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