हाँ! मैं पत्रकार हूँ

हाँ! मैं पत्रकार हूँ

समाज में पत्रकार वर्ग की भूमिका बहुत ही अहम मानी गई है। उनके प्रयासों से देश विदेश की खबरें सत्यता के साथ हम तक पहुंचती है। ईमानदारी की कलम से सच्चाई को उजागर करने वाले सभी पत्रकारों महानुभावों को कलमकार अमित राजपूत की यह कविता समर्पित है।

कलम का सिपाही हूँ मैं, लोकतंत्र बनाए रखने में भागीदार हूँ
सत्य निष्ठा से लिखता हूँ खबरें अखबार में, हाँ! मैं पत्रकार हूँ।

झूठ को उजागर करना है काम मेरा, सच का में पहरेदार हूँ
बुराई का दुश्मन और अच्छाई का दोस्त हूँ मैं, हाँ! मैं पत्रकार हूँ।

सुख-दुख का संदेश लाता हूं रोज, अपने काम से ईमानदार हूँ
भ्रष्टाचार और घोटाले उजागर करता हूँ मैं, हाँ! मैं पत्रकार हूँ।

अक्सर छाप देता हूँ खबर जन्म मृत्यु की, काम से वफादार हूँ
नहीं डरता नेता अभिनेता और अधिकारी से, हाँ! मैं पत्रकार हूँ।

भारत माँ की सेवा करना कर्तव्य मेरा, दिखता मैं आर पार हूँ
जिंदा हूँ जब तक लिखता रहूँगा सच्चाई से, हाँ! मैं पत्रकार हूँ।

~ अमित राजपूत 

यह रचना नितांत मौलिक है और इससे जुड़े सर्वाधिकार रचनाकार के पास सुरक्षित हैं। हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की स्वरचित रचना के प्रकाशन की की सूचना पोस्ट की जाती है। आप भी स्वरचित प्रस्तुतियों को हमारे पाठकों से साझा करने हेतु अपनी रचना myposthindi@gmail.com पर ईमेल करें।

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