अब वक्त की है यही पुकार, भारत जाग, भारत जाग।
लोभ लिप्सा में आकर जिसने विश्व को कर दिया बीमार।
जिसकी धन लिप्सा ने इतने जख्म दिये धरती पर यार।
जो कर रहा मानव जीवन का सौदा और अपना बढ़ाये व्यापार।
बूढ़े मरते, बच्चे मरते, तड़प रहा है सारा जहान।
अब यह समय आ गया है यारों, इस दुष्ट से हो जाओं सावधान।
विदेशी छोड़ स्वदेशी अपनाओ, अपने देश, राष्ट्र का करो सम्मान।
कमर तोड़ो उस चीनी दुष्ट राष्ट्र का, विश्व पाए अब समाधान।
भारत जाग अब भारत जाग, चीनी वस्तुओं का अब कर परित्याग।
~ डॉ. कन्हैया लाल गुप्त ‘किशन’