इरफ़ान सर! क्यों चले गए?

इरफ़ान सर! क्यों चले गए?

हे पान सिंह तोमर!
वर्सेटाइल एक्टर इरफ़ान सर!!
तेरे अचानक जाने से
स्तब्ध हो गया है जगत
अश्रुपूरित हो गया है जगत

क्यों चले गए सर आप
क्यों छोड़ गए सर आप
वालीवुड को व हम सभी साधारण भारतीय को
आप तो वश्विक जगत में अभिनय के प्रतिनिधि थे
आप तो बेमिसाल थे
अभिनय के भाल थे

आपने तो टीवी से लेकर बड़े पर्दे तक अपना झंडा गाड़ा
आपने हिन्दुस्तान को नाम दिया
प्रत्येक दिलों को खुशियां ही दिया
सबको दिल खोलकर मनोरंजन किया
सभी के दिल में बसते थे तो क्यों दिल छोड़कर चले गए

आपकी उम्र ही क्या थी सर
आप तो तिरपन ही साल के थे
जल्दी क्या थी सर आपको जाने को?
आप देखिए ना!आंखे खोलकर
आपके लिए सारा देश रो रहा है

आप कैंसर को झेले
मां को खोए
बुरे दिन भी देखे
पैसे के लिए तरसे,बुरे दिन देखे
आप तो योद्धा थे सर!
आपका कोई सानी नहीं
आप तो महान् सेना थे अभिनय के

जयपुर आपको पुकार रहा है
एनएसडी भी आपको दुलार रहा है
सभी तो रोए जा रहे है, क्यों चले गए आप?
मेरा हृदय ही नहीं
सारे देश का हृदय आपको नमन कर रहा है

हम भी आयेंगे जल्द आपके पास सर
आई लव यू सर
आप स्वर्ग में रहिएगा… सदैव रहिएगा
हम ईश्वर!से प्रार्थना करेंगे!!!

~ इमरान सम्भलशाही


संसार से बहुतों ने अलविदा कहा है और आज भी जिंदा है वो, मरें नहीं है। ठीक ऐसे ही हिन्दुस्तान का महान अभिनेता इरफान खान जी कैंसर से जूझते हुए दुनिया से अलविदा कह गए है। सारा हिन्दुस्तान आज उनकी याद में अश्रुपूरित है। आज इरफ़ान सर, ऐसे वक्त पे दुनिया से अलविदा कह गए है, जब माह_ए_रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा हो।ऐसा माना जाता है कि इस महीने मरने वाले इंसान सीधे स्वर्ग में जाते है।वाकई दुनिया के लोग इस महान अभिनेता से मुहब्बत जितनी करते है तो खुदा भी करता है उससे ज़्यादा मुहब्बत।कोई शक नहीं!चार पंक्तियां इसी रुखसती को लेकर…..

यूं तो बहुतों का चराग बाग़ बुझना इस जहान में हुई है
चिता में जलना व दफ़न कब्रिस्तान में हुई है
तू भी क्या नसीब लेकर आया था जन्मदात्री से?
वफात भी तेरी, मुबारक माह-ए-रमज़ान में हुई है

~इमरान संभल शाही

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