बात सिर्फ दिए जलाने की नहीं,
अखंड एकता दिखाने की है।
बात सिर्फ घर प्रकाशमय करने की नहीं,
माँ भारती को मनाने की है।
बात सिर्फ औपचारिकता निभाने की नहीं,
हम सब की आस्था दिखाने की है।
बात सिर्फ एक साथ प्रकाश करने की नहीं,
अपनी इस एकता की शक्ति निभाने की है।
बात सिर्फ किसी देश प्रधान की बात रखने की नहीं,
उसकी आस्था में अपना विश्वास दिखाने की है।
है विश्वास एकता का उजाला विनाश के अन्धकार को दूर करेगा,
माता रानी की कृपा बरसेगी और जल्द ही नया सूरज निकलेगा।
~ शंकर फ़र्रुखाबादी