जीवन का सफर

जीवन का सफर

चलती का नाम गाड़ी है ऐसा अक्सर सुना होगा। दरअसल यह बात जीवन पर भी लागू होती है। जीवन के सफर को बताने का प्रयास कलमकार रोहित यादव ने इन पंक्तियों के जरिए किया है।

जिन्दगी चल रही है, जिन्दगी चलतीं रहेगी।
जब तक है उसमें जान, तब वह चलतीं रहेगी।।
राहों में आते हैं बहुत सी मुश्किलें।
फिर भी जिन्दगी अपने राह पर चले।।

कठिनाइयों की सामना करती है जिन्दगी।
वह किसी से न डरें अपने लक्ष्य पर चलतीं।।
जिन्दगी अपने राह को स्वयं बनाती है।
वह किसी से विचलित नहीं होती है।।

पहाड़ों को काटकर अपनी राह बनातीं हैं।
अपने रास्तों को साफ रखती हैं।।
लोग उसे रोकना बहुत चाहतें हैं।
फिर भी उसे रोक नहीं पाते हैं।।

वह आगे बढ़ने की बहुत ही इच्छुक हैं।
जिन्दगी ही जिन्दगी का नाम की प्रसिद्धि हैं।।
वह संसार में चारों तरफ फैली है।
उसका फैलना ही संसार की जगमगाहट हैं।।

यह जिन्दगी ही है जो संसार में चमक है।
संसार की जगमगाहट में ज़िन्दगी का बसेरा है।।
बसेरा में ज़िन्दगी की खुशियों की झलक है।
खुशियां ही लोगों की एक इच्छा है।।


~ रोहित यादव

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