वन मेले में, मिलकर सबने,
सुन्दर द्वारे, प्रोल सजाएं।
बन्दर बाजा, भालू डमरू,
चित्तल ढ़म-ढ़म, ढ़ोल बजाएं।
रंग-बिरंगें, परिधानों में,
लदे हुए है सब गहनों में,
हाथी, चीता, हिरण, बाघ ने,
सुन्दर सुन्दर, रोल निभाएं।
चाट-पकौड़ी वाले ठेले,
खेल-खिलौने, बड़े अलबेले,
और कोयल ने, गीत, कविता,
मीठे सुरम्य, बोल सुनाएं।
खाने-पीने और गाने का,
फिर मन था, घर जाने का,
हिलमिल शामिल, सुझबूझ से,
सबने बढ़िया, खेल दिखाएं।
~ मुकेश बोहरा अमन