कलयुगी कोरोना

कलयुगी कोरोना

हे कलयुग!
तुम्हारे राज़ में सभी कलयुगी क्यों है?
तुम्हे नहीं पता? तब तो, खेदजनक बात है!
हमारे ही बुजुर्गों ने ही तो कहा था!
अन्याय होगा!अधर्म होगा! नहीं पता तुम्हे?
बताता हूं, फिर सुनो!!

लोग बाप पर हाथ उठाते डरेंगे नहीं
मां को पीड़ा देने से हिचकेंगे नहीं
जब
परिवार, घर, समाज, गांव व देशकाल की स्थिति
परिस्थिति महामारी के चपेट में होगा
तब
कुछ दरिंदे समाज के रखवालों व सेवकों पर
गोलियां दागेंगे,
पत्थर फेकेंगे
खोपड़ियां फोड़ कर लहूलुहान कर देंगे
सरेआम बेइज्जत करेंगे

और यही फ़रिश्ते
अपने घर बार को त्याग कर डटे रहेंगे
स्वार्थहीन भाव से…… उपकार करने
जब जब
परिवार के इनके ही सदस्य बिलखेंगे
तब तब
दूसरों के परिवारों का दुख अपना दुख समझ
पूरी तल्लीनता के साथ मुकबला करते हुए मिलेंगे
वे सब, सबके चेहरों पर सुकून व खुशियां लाएंगे

अब ज़रा
हम सभी “सतयुग” में चलते है
जहां लोग पत्थर फेंकते थे
तो असत्य पर सत्य की जीत हेतु पुल बन जाते थे
दुश्मनों के वीर योद्धाओं को मारकर भी
उनके वीरत्व का बखान करते थे
अपनी महानता से दूसरों को जलील नहीं करते थे बल्कि
अहंकारी ही अपने कर्मों से जलील होते थे

सत्य के पथ पर अडिग रहकर सत्यवादी
समस्त दुश्मनों, अहंकारियों, अधर्मियों को
युद्ध के मैदान में
सत्य का साथ देने हेतु घोर निवेदन करते थे
विनती करते थे
प्रहार ना करना पड़े, इसलिए कुछ ना कुछ
उपाय खीजते रहते थे
और अंत में,
विकल्प ना होने पर ही अधर्म पर आक्रमण धर्म का करते थे

और तो और
हां!
कहने को बहुत कुछ है लेकिन सभी संभव नहीं!
बस इतना जानिए कि
आज, जिस कलयुग में
भगवान का दर्जा प्राप्त किए हुए चिकित्सकों पर हमले हो रहे है
उसी भगवान को तीनो लोकों के भगवान
श्रींराम जी “वैद्यराज जी” से संबोधित कर
हृदय से भगवान का दर्जा देते थे

जब लक्ष्मण जी मूर्छित थे तो पूरी सेना मूर्छित थी
श्रीराम स्वयं विलाप में मूर्छित थे और इसी दुर्दिन
अवस्था में ही सभी
लक्ष्मन के उपचार की सोच रहे थे

और आज
कोरोना ने देश को मूर्छित किया है तो
बिना मूर्छित हुए ही
उपचार करने वालों पर पत्थर बरस रहे है!
अफसोस!!
घोर कलयुग!!

~ इमरान संभलशाही

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.