एक दीपक जला ऐसा भी धरा में
इतिहास जिसे रखेगा याद सदा।
हुआ हैं डामाडोल समस्त विश्व
भारत तब भी जगमगा रहा था।।
अरबों की संख्या लिए लिए दीप
होगा विश्व पटल में अंकित यह।
दिखी है फिर भारत की एकता
चहुं ओर संकट के बादल छाए।।
भारत में एक साथ जो जल गया
अस्त्र नहीं कम वो ब्रह्मास्त्र से भी।
कहते हैं जब दवा काम न करे तब
दुआ के रुप में दीपक कोरोना से लड़ा।।
एक संकल्प उस महापुरुष का लिए
जिसे पूरा करने दीपों के अस्त्र जड़ें।
ज्योतिष्टोम यज्ञ से कम नहीं वो दीप
जब हर घर में दीपों की माला बनी।।
प्रज्वलित दीपक की अथक रश्मि से
अनन्त शक्ति की अथाह ऊर्जा लिए।
जलता रहा जो मानव हित में आज
है ब्रह्मपुत्र वो किसी से हारता नहीं।।
~ राज शर्मा