दुनिया लूट रही कृषकों को
अब और ना लूटो आप प्रभु
देश ये चलता कृषियों से है
अब रुक जाओ हे इन्द्र प्रभु।
फसल कट रही खेतों में है
हर अन्न में बसती जान प्रभु
अभी ना बरसों गर्जन करके
अब रुक जाओ हे इन्द्र प्रभु।
इस कोरोना से दुःखी सभी
और दुनिया हुई बेहाल प्रभु
बेमौसम की बारिश न करो
अब रुक जाओ हे इन्द्र प्रभु।
जन-धन का नुकसान हो रहा
कोरोना की महामारी से
बर्बाद करो ना फसलों को
अब रुक जाओ हे इन्द्र प्रभु।
देश की पूँजी कृषि वर्ग है
उन्हीं से चलता देश प्रभु
तुम कृपा दृष्टि उनपर रखना
अब रुक जाओ हे इन्द्र प्रभु।
~ साक्षी “सांकृत्यायन”