जमदग्नि के तेज पुंज जय महावली नर धारी तुम
दया धर्म के रखवाले और दुष्टों के संहारी तुम
माना क्रोध बहुत है लेकिन पाप नाश आवश्यक तुम
अखिल विश्व के स्वामी हो नारायण अवतारी तुम
कर्ण द्रोण हाँ भीष्म गुरु, ज्ञान औऱ विज्ञानक तुम
धर्म ध्वजा फहराने वाले, संस्कार विस्तारक तुम
महादेव से फरसा पाकर, अधमों के उद्धारक तुम
पापों से जलती धरती के, बीस एक शुद्धारक तुम
~ डॉ शशिवल्लभ शर्मा