प्यार

प्यार

प्यार की नई परिभाषा बता रहे हैं कलमकार मनन तिवारी। हर इंसान का प्रेम के प्रति अपना अलग-अलग नजरिया होता है, किंतु सबका सार एक ही है।

प्यार शायरी की तलम है।
प्यार ख्वाबो से चलती कलम है।
प्यार आँखो की नमी है।
प्यार किसी की खलती कमी है।
प्यार वो रेशमी जुल्फ़ें है।
जिसमे चाँद सितारे उलझे है।
प्यार एहसासी है।
जिसमे राधा से लेकर मीरा तक प्यासी है।
प्यार बिन बादलों की बारिश है।
प्यार दिली गुजारीश है।
प्यार मनभावन है।
प्यार आँखो से झलकता सावन है।
ये ही दो दिलों का सार है।
मेरे लिए तो ये ही प्यार है।

~ मनन तिवारी

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