पूजा अर्चना उपासना से माँ
अलौकिक सिद्धियां देती है
गौरवर्ण में शोभित दिव्य रूप
माता महागौरी कहलाती है
अष्ठम दिवस पर करें आराधना
माँ गौरी ही फल देती है
बृषभ सवारी करती है माँ
वृषारुढा भी कहलाती है
श्वेत वस्त्र श्वेत आभूषण पहन
श्वेताम्बर धरा भी कहलाती है
आयु केवल आठ वर्ष है माँ की
भक्तों के कलुष ये हरती है
पाप नष्ट कर देती है माँ
सबके दुख हर लेती है
मां गोरी है शंकर प्यारी
धन वैभव सुख देती है
ज्ञान विज्ञान कौशल से
माँ भण्डार भर देती है।
~ डॉ. राजेश कुमार शर्मा “पुरोहित”