प्यार की गलियों से गुजरे हर इंसान की अपनी एक कहानी होती है। कलमकार शुभम पांडेय ‘गगन’ भी प्रेम से जुड़े हुए कुछ भाव इन पंक्तियों में प्रकट करते हैं।
न जाने क्यों मैं उसकी हर गलती को दरकिनार कर देता हूं
मैं उससे प्यार करता हूँ शायद इसीलिए उसे माफ़ कर देता हूँ
वो कहती है वो मुझसे प्यार करती है, लेकिन उसे भी भूल नहीं पाती
मैं भी मज़बूर हूँ उसपर हर बार विश्वास कर लेता हूँ
वो मेरी थी लेकिन मिलने गयी थी किसी से
मैं सब जानकर उससे फिर मोहब्बत का इज़हार कर देता हूँ
अजीब सा दीवानापन है मेरा और शायद मज़बूरी
दिल उसे बुरा कहता नहीं और मैं दिमाग को शांत कर देता हूँ।~ शुभम पांडेय ‘गगन’
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