हंसाएंगे फिर से

हंसाएंगे फिर से

हंसी-खुशी जो पल बीत जाए वह अनमोल होता है। कलमकार विजय कनौजिया जी कहते हैं कि किसी को भी रूठने न दो, उसे फिर से हंसाने की कोशिश कीजिए।

चलो आज उनको
मनाएंगे फिर से
अगर मान जाएं
हंसाएंगे फिर से..।।

शरारत के दिन वे
अगर लौट आएं
चलो प्यार से फिर
सताएंगे फिर से..।।

तुम्हीं थे मेरे कल
तुम्हीं आज भी हो
अगर वो मिलेंगे
बताएंगे फिर से..।।

मेरे मन के मंदिर में
तुम ही बसे हो
मिलोगे कभी तो
दिखाएंगे फिर से..।।

मेरे प्रेम में कुछ
कमी न मिलेगी
मिलो तो सही
हम निभाएंगे फिर से..।।
हम निभाएंगे फिर से..।।

~ विजय कनौजिया

हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है।
https://www.facebook.com/hindibolindia/posts/454335882140256

Post Code: #SWARACHIT278

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.