तकनीकी के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रगति मोबाइल की मानी जा सकती है। यह हमारे जीवन से इस तरह जुड़ गया है जैसे कोई अभिन्न अंग हो। इसका हस्तक्षेप भी हमें बुरा नहीं लगता। बुजुर्ग हों या बच्चे, सभी का प्रिय खिलौना है मोबाइल। कलमकार चुन्नी लाल ठाकुर की कविता भी मोबाइल के बारे में कुछ बयां कर रही है।
हाय रे मोबाइल
कर दिया है तुमने सबको घायल
सब पर हुआ है तुम्हारा अजब जादू
लोगों को लगता उन्हें काम है बाधो।।बच्चे बूढ़े सब है तुम में मगन
न दिख रही जमीन न ही गगन
कुछ व्हाटसअप, फेसबुक, लाइक ओर टिकटोक के दीवाने है
तो कुछ पब जी और फ्री फायर में जीतने ओर हारने है।।सोते-जागते, नहाते-खाते सबको है मोबइल का ध्यान
जैसे मिला हो इश्वर का अमूल्य बरदान
नहीं रहा समय अपनो से मिलने का
रिश्ते नाते खत्म हो रहे अपने से ही।।इसलिए समय रहते लो नया ज्ञान
जो बढ़ाये भविष्य में अपना मान
मोबइल का करो तुम सीमित प्रयोग
तभी होगा समय व ज्ञान का उचित उपयोग।।~ चुन्नी लाल ठाकुर
हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है।
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