माँ

माँ

माँ की ममता से बढ़कर, कुछ चीज नहीं है प्यारी।
तूने मुझको जन्म दिया है, लगती है जग से प्यारी।।

तूने कितनी पीड़ा झेली, फिर मुझको जनम दिया।
पल भर भी तुमने मुझको, खुद से नहीं दूर किया।।

तेरी महिमा है निराली लगती, है तू हमको प्यारी।
लोरी सुन कर बड़ा हुआ मैं, है सौभाग्य हमारी।।

तुमने कितनी मुश्किल से, जीवन मेरा सवाँरा है।
तेरे दूध का कर्ज चुकाना, अब कर्तव्य हमारा है।।

रखूँ तुझे पलकों पर मैं, कोई नहीं शिकायत दूँ।
तेरी हर ख्वाइश पूरी कर, दूध का कर्ज चुका दूँ।।

बनू सहारा तेरा मैं, कभी न दू तुझको कोई गम।
तुझे हमेशा खुश रखूँ, आंख कभी न तेरी हो नम।।

तुमने मुझको जन्म दिया है, तू ही मेरा दर्पण है।
तुझसे ही मैं हूँ माते, ये जीवन तुझे समर्पण है।।

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