मां ने इस दुनिया में लाया।
मां ने ही दुनिया दिखलाया।
मां ने ही चलना सिखलाया।
मां से ही तो है यह घर बार,
मां ना हो तो लागे सब कुछ बेकार।
मां है तो है ये संसार
मां के बिना सब कुछ बेकार।
कहने को तो है पूरा घर परिवार,
मां ना हो तो सुना है घर बार।
हम जहां कहीं से भी आए,
मां को ना पाकर विचलित हो जाए।
मां तुम कहां हो यही दोहराएं,
जब तक मां को पास न पाए।
जैसे ही हम घर में आए,
बेटा खाना खा लो मां यही दोहराए।
मां के हाथों सूखी रोटी भाए
मां के बिना खोवा मलाई न सुहाऐ।
मां की चरणों में है जन्नत,
मां है तो है, मेरा घर स्वर्ग।
मां ही है वह भगवान,
जो अपना सब कुछ देकर,
लाए हमारे चेहरे पर मुस्कान
~ रेणुका कुशवाहा