नवरात्रों में धरा लगे बड़ी शोभित
महामाया दुर्गा का घर-घर पूजन।।
सृष्टि सृजन का प्रथम दिवस है यही
किए थे इस दिन विधाता आवाहन।
महामारी को नष्ट करो मां जगदम्बा
यही विनय करें हम हिन्द के पुजारी।।
जब जब हाहाकार मचा जग माही
तब तब माता दुर्गा आई शेरसवारी।।
जन-जन की द्रवित पुकार है यही
पड़ा संकट दु:ख हरो हे महामाई।।
सृजन विनाश तेरे हाथ में जगदम्बे
विष पर प्रतिबंध लगाओ तारा रानी।।
~ राज शर्मा
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