माँ की वंदना

माँ की वंदना

आस्था ही हमारे हृदय में श्रद्धा का संचार करती है। श्रद्धा के कारण ही अपने दुखों के निवारण के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। अमित मिश्र ने माँ की वंदना में एक भजन प्रस्तुत किया है और आशा की है माँ के आशीर्वाद से सभी के विघ्न दूर हो।

आया हूँ दर पे मइया, तुझको मनाने
नारियल, चुनरी, फूल, तुझको चढ़ाने

थाल सजी है तेरी मइया, अगर कपूर से
दर्शन को आया तेरे, कितनी मैं दूर से

आया हूँ देवी मइया, तेरी आरती उतारने
रूठी है मुझसे तू, आया तुझको मनाने

बीच भंवर में मइया, डूबी है मेरी नइया
बन के खेवइया नइया, पार लगा दे मइया

सुना है मइया सबके दुःख को सवाँरती
कर ले कबूल अब माँ तू मेरी भी आरती

आस लगाये मइया, मैं तुझको निहारूँ
हाथों को जोड़ कर, मैं तुझको पुकारूँ

चढ़ कर मैं आया मइया, ऊंचे पहाड़ पर
विनती करूँ मैं मइया, हाथों को जोड़कर

आया हूँ दर पे मइया, तुझको मनाने
नारियल, चुनरी, फूल, तुझको चढ़ाने

~ अमित मिश्र

हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज़ पर भी कलमकार की इस प्रस्तुति को पोस्ट किया गया है। https://www.facebook.com/hindibolindia/posts/410129509894227
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