आप धूप मेरी मैं छाया तेरी
आप दीपक मेरी मैं रोशनी तेरी
आप जड़ मेरी मैं फूल तेरी
आप बादल मेरी मैं बारिश तेरी
आप गगन मेरी मैं पंक्षी तेरी
आप आत्मा मेरी मै शरीर तेरी
आप दिल मेरी मैं धड़कन तेरी
आप जीवन मेरी मैं जान तेरी
आप त्यौहार मेरी मैं खुशियां तेरी
आप प्यारी माँ मेरी मैं बेटी तेरी।।
माँ मैं तेरे आँचल में छिपना चाहती हूँ।
माँ मैं तेरी प्यार भरी गोदी में सोना चाहती हूँ।
माँ जो सुकून तेरी गोदी में मिलता है वो इस जहाँ में नहीं।
माँ मै तेरे मुँह से राजा रानी की कहानियां फिर से सुनना चाहती हूँ।
माँ मैं तेरे हाथों की थपकियाँ को महसूस करना चाहती हूँ ।
माँ मैं फिर से उस बचपन की ज़िंदगी को जीना चाहती हूँ।।
~ रोहिणी दुबे