स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन और देश के सभी युवाओं को “राष्ट्रीय युवा दिवस” की हार्दिक शुभकामनाएँ। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर कुछ कविताएं पढ़िए।
१) युवा शक्ति
हम युवा शक्ति को जगा रहें।
दंभ, द्वेष, पाखंड,आलस को भगा रहें।
स्तम्भ हैं ये राष्ट्र का
नवचेतना का सागर हैं।
ये रूप में हैं अनेक
पर एकता में हैं एक।ये सफर के हैं पथिक सुनहरे।
ये सफलता के हैं पुजारी।
ये तिमिर के हैं विनाशक।
ये न्याय के हैं रखवाले।
ये राष्ट्र के है रक्षक।
श्रम के हैं भक्षक।है आशायें भी इनसे निराली।
करें स्त्री का सम्मान,
रहें तत्पर देश सेवा में,
छोड़ अभिमान।
रजनी हो या प्रभात
मिल कर करें नई शुरूआत।
उम्र हो शतायु इनकी,
सदा रहे इन पर आशीर्वाद।
ऊंच-नीच का भेद ये भूलें।अग्रसर हो कर्मपथ पर।
सीखे जीने की कला,
प्राचीन ग्रंथों से।
रहें कोई भी ना बेरोजगार,
भले छोटा सा हो रोजगार।खोजे नित नवीन साधन
ललिता पाण्डेय
सागर की गहराईयों
पर्वत की ऊँचाईयों से।
नाप ले एक जमीं से
सूरज,चाँद और तारे सभी को।
अखण्ड भारत की जोत जला मौन कर दे विश्व को।
२) युवा जहान है
युवा नायाब है,
युवा लाजवाब है,
युवा ताजगी है,
युवा सादगी है,
युवा नियति है,
युवा प्रगति है,कुछ खोट हैं,
युवा उत्तम सोच है,
युवा सजग है,
युवा जगत है,
नये विचार है,
जोखिम को तैयार है,
युवा ज्ञानवान है,
हर समस्या का समाधान है,
थोड़ा कम धैर्यवान है,
युवा आधुनिक खान है,
युवा चपल है,
युवा चंचल है,
युवा लगनशील है,
गहरी विचारों की झील है,
युवा तेज जरूर है,
मेहनती भी भरपूर है,
सफलता का सुरूर है,
थोड़ा सा गुरूर है,
युवा संयमी है,
अनुभव की कमी है,
पाने को आसमां सारा,हाथों में बस जमीं है,
सुमित सिंह पवार “पवार”
युवा विवेकवान है,
अपनत्व इसकी जान है,
रिश्ते निभाते दिल से,
मुट्ठी में जहान है।
३) युवा एक चिंगारी
आज लग रही है मानो जैसे
रंजन कुमार
मन की युवा है एक चिंगारी।।
युवा शोला, धधकता गोला
एक चिंगारी, फूटी अंगारी
तड़पन लहरी, मन सबरी
चिंगारी-चिंगारी, मन भाई
चिंगारी फुट रही है तन से
ज्वाला भभक रही है मन से
आज लग रही है मानो जैसे
मन की युवा है एक चिंगारी।।
शांत-मृदुल चिंगारी भी
उठ रही है अन्तर्मन से
मन की शोला का अंगार
फुट रही है ब्यार बार-बार
चर-चर, फर-फर, लहक-लहक
तल-तल, चर-तल, कदम-कदम
आज लग रही है मानो जैसे
मन की युवा है एक चिंगारी।।
बढ़ रही है चिंगारी की ऐसी धुंधकारी
उठ जाओ, दाग दो मिशाईल का गोला
मिटा दो आज आतंक का चोला
उठा लो चिंगारी लहू-मन हाथ से
फेक दो शैतानो की दुआरी
आज लग रही है मानो जैसे
मन की युवा है एक चिंगारी।।
सरपट-सरपट दौड़ चली है ऐसी चाल
उड़न-दस्ता परी लग रही है बेमिशाल
आज हर घर फुट रहे है विवेक-भगत हजार
मिटाकर कुर्बान होने को आज है हम तैयार
जश्न मनाने को देश की धड़कन
धड़क रही है दिल बार-बार
आज लग रही है मानो जैसे
मन की युवा है एक चिंगारी।।
४) विवेकानन्द थे सन्त महान
उठो जागो सिंहों, है आह्वान
ऊर्जा स्रोत यह तरुणाई।
प्रणाम करता जिसे विहान
चेहरे पर प्रखर वह अरुणाई।।उठो जागो चलते रहो, कह
युवाओं में पाया सम्मान।
लक्ष्य प्राप्ति तक डटे रहे
विवेकानन्द तब बने महान।।अथाह सम्भावना का समंदर
युवा शक्ति में फूंकी जान।
परमात्मा है सबके अंदर
दिया ज्ञान का यह वरदान।।सोच से तुम बनोगे दुर्बल
रागिनी स्वर्णकार शर्मा
सोच से तुम बनो महान।
बन प्रिय शिष्य परमहंस के
भारत का किया गौरव गान।।
५) युवाओं की ताकत
युवाओं में वह ताकत है,
कि कुछ भी कर गुजर जाएं ।उचित बस मार्गदर्शन हो,
विश्व परचम ये लहराएं ।।उठो जागो रुको मत तुम,
दिवा स्वपनों में ना खोना।करो खुद लक्ष्य वह हासिल,
जिसे तुमने कभी ठाना।।विवेकानंद से साधक से,
पोषित है धरा अपनी।विश्व गुरु आज भारत है,
संजू ‘गौरीश’ पाठक
न संशय कुछ सत्य कथनी।।
६) युवा शक्ति
आज के युवा शक्ति है हम
नव राष्ट्र का निर्माण करेंगे
नव उन्नति से जोश भर देंगे
देश के भविष्य हैं हमसूरज जैसा तेज हैं हम
हिमालय जैसा रखते हैं दम
भारत माँ की ढाल बनकर रहेंगे
रक्षा सदा करेंगे हमदेश हित में उठाएँगे कदम
भारत को विश्वगुरु बनाएँगे हम
नव युवकों के पहचान बनेंगे
जीवन की नैया पार लगाएँगेहौसलों की उड़ान भरकर
डॉ भवानी प्रधान
जब भारत का युवा जागा
सूर्य सम उदय हुआ गांधी-विवेकानंद का
वंदन-अभिनंदन आज की युवा शक्ति का
हिन्दी बोल इंडिया का हार्दिक आभार।