जीवन के सफर में हर चीज़, रिश्ते-नाते सब पीछे छूट जाता है। जो बीत गया सो बीत गया, यहाँ पर स कुछ आकर्षण मात्र है अतः सही निर्णय करना ही सर्वोत्तम होता है। कलमकार राहुल प्रजापति की चंद पंक्तियाँ पढें- लौटकर आता नहीं।
जो गया वो लौटकर आता नहीं
हर कोई यहां साथ निभाता नहींतुम भी मुसाफिर, हम भी मुसाफिर
कोई सदा के लिए ठहर पाता नहींसब छोड़ो, अब तुम अपनी बताओ
क्या रहा जो साथ अपने जाता नहींवादा किया करता है हर कोई इस तरह
पर वादा अपना हर कोई निभाता नहीं‘राहुल’ सच कहने की कोशिश करता है
उसको एक झूठ तक कहना आता नहीं~ राहुल प्रजापति