अब प्रकृति की बारी है
ये कोरोना की महामारी है
बहुत सहा अन्याय प्रकृति ने
अब न्याय की बारी है।चीन, जापान, अमेरिका में भी
कोरोना की महामारी है
लाखो लोगो की जाने गयी
ये कैसी विपदा भारी है।
ये कोरोना की महामारी है
बहुत सहा अन्याय प्रकृति ने
अब न्याय की बारी है।चीन, जापान, अमेरिका में भी
कोरोना की महामारी है
लाखो लोगो की जाने गयी
ये कैसी विपदा भारी है।
२१ दिन के लॉकडाउन में
प्रकृति ने हमे चेताया है
अब भी वक्त है, सम्भल जाओ
पेड़-पौधे भी खूब लगाओ
पारिस्तिथिकी तंत्र को भी सबल बनाओ।
पूरी दुनिया जिससे हारी है
उस छोटे वायरस से बहुत बड़ी महामारी है।
अब एक ही है इसका उपाय
घरों में ही कैद हो जाएं
साफ-सफाई को गले लगाए
सोशल डिस्टेंसिंग भी अपनाये
बार बार हाथ धुले, लोगो से ज़रा कम ही मिले
खुद बचे और, ओरो को भी बचाये।
~ सचना शाह
👍
true lines
🥰 ucch vichar atisrahniya
Yes
Very nice and suitable to situation.
Writer is sensitive toward nature