कलमकार मनोज बाथरे कल्पना को परिभाषित करने का प्रयास इस कविता में किया है। आइए उनके विचारों को और कल्पना शक्ति को जानें।
कल्पना एक
रचनात्मक ताकत है
जो सपनों को
एक दिन हकीकत में
परिवर्तित कर सकती है
बशर्ते
स्वप्न देखने वाला
उससे सीखकर
उसकी सत्यता से
परिचित होने का
दृढ़ संकल्प लें
तब ही
कल्पना सच साबित होगी~ मनोज बाथरे चीचली